जीवन उद्देश्य - My Jiwan Yatra(Manglesh Kumari )

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जीवन उद्देश्य

1–: हे अमर परमात्मा सर्वोपरि ,रहस्य युक्त जो आपका नाम है, उसका ज्ञान करायें। वह उपासना करने का स्वचालित शस्त्र के समान पूर्ण रूप से अज्ञान र...

1–: हे अमर परमात्मा सर्वोपरि ,रहस्य युक्त जो आपका नाम है, उसका ज्ञान करायें। वह उपासना करने का स्वचालित शस्त्र के समान पूर्ण रूप से अज्ञान रूपी गन्द का नाशक, पवित्र करने वाला है। उसका इन्द्रियों से स्वांस द्वारा स्मरण करवा के विद्युत् जैसी गति अर्थ भाव  से भक्ति धन परिपूर्ण करके मोक्ष रूप ऐश्वर्य को कैसे प्राप्त करायें ।

2–: पाप हर्ता परमात्मा ज्ञान देने हेतु शिशु रूप में प्रकट होता है, उस समय शुद्ध तत्त्व ज्ञान से पवित्र करता है। विरह रूप अग्नि से युक्त, वायु समान शीतल भगत गणों हेतु कविताओं द्वारा कवित्व से कविर वाणी को अत्यधिक पवित्रता से गरजते स्वर से संबोधित करता हुआ, सन्त,ऋषि रूप में अमर परमात्मा कविर ही होता है ।

3–: वह परमात्मा कवि के नाम की उपाधी प्राप्त करता है। सन्त,ऋषि रूपी परमात्मा द्वारा रचित हज़ारों वाणीयां, सन्त,ऋषि स्वभाव वालों के लिए स्वर्ग तुल्य होती हैं। वह परमात्मा तीसरे मुक्ति धाम की सुदृढ़ भूमि को स्थापित करके उसके पश्चात् सन्त रूप में गुम्बज में राजा होकर विराजमान है ।

4–: सर्वशक्तिमान परमेश्वर कामधेनु रूपी मनोकामना पूर्ण करने वाला, पालन करने वाला है, सफेद रंग एवं शुभ लक्षण युक्त है। भक्ति साधना से शरीर रूपी पूर्ण मुक्ति देने वाला, तत्वज्ञान रूपी शस्त्र से युक्त है। वास्तविक सर्व का पालन-पोषण कर्ता, समुद्र जैसे गहरे जल युक्त अर्थात् विशाल है। चौथे मुक्ति धाम की सुदृढ़ पृथ्वी का वर्णन विस्तार से देता है ।

5–: परमात्मा मनुष्य जैसे सुन्दर शरीर धारण करके, अत्यंत गतिशील पदार्थ के समान गति शील होता हुआ भक्ति धन युक्त पुरुषों को प्राप्त होता है। जैसे एक समुदाय को उसका सेनापति प्राप्त होता है, ऐसे वह परमात्मा गुरू रूप में मुखिया होता है। वह परमात्मा प्रथम ब्रह्माण्ड को प्राप्त होकर अर्थात् आकर, ऊँचे स्वर में सत्य, ज्ञान, उच्चारण करता हुआ ,पृथ्वी खण्ड में प्रविष्ट होता है ।

6–: आप जी के मुखारबिंद से तत्व ज्ञान सुन कर अपने भक्तों का मार्गदर्शन करवाया हैं ,सूक्ष्म से सूक्ष्म तत्व ज्ञान बता कर हमारी जन्मों जन्मों की जो अज्ञानता की परतों को सदैव के लिये हटा डाला ,उस महान परम पिता परमेश्वर यूनिवर्सल के मालिक का तहेदिल से मन की गहराइयों से शुक्रगुज़ार  करती हूँ ।हमारा सौभाग्य हैं ,मालिक जी के मुखारबिंद से तत्व ज्ञान सुन कर मन को बहुत शांति मिलती हैं,अच्छा समय ,( वक़्त ) हमारी ज़िंदगी में प्रवेश हुआ ,शब्द की कमाई करकें सत्य लोंक में जायेंगें ।ज़िन्दगी का यहीं उद्देश्य हैं,यानि ( लक्ष्य ) हैं ।
शेष कल—:

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