पानी में हल्दी मिलाकर पीने से यह 7 फायदें होते है.. 1. गुनगुना हल्दी वाला पानी पीने से दिमाग तेज होता है सुबह के समय हल्दी का गुनगुना पानी ...
पानी में हल्दी मिलाकर पीने से यह 7 फायदें होते है..
1. गुनगुना हल्दी वाला पानी पीने से दिमाग तेज होता है सुबह के समय हल्दी का गुनगुना पानी पीने से दिमाग तेज और उर्जावान बनता है।
2. आप यदि रोज़ हल्दी का पानी पीते हैं तो इससे खून में होने वाली गंदगी साफ होती हैं और खून जमता भी नहीं है ।यह खून साफ करता है और दिल को बीमारियों से भी बचाता है।
3. लीवर की समस्या से परेशान लोगों के लिए हल्दी का पानी किसी औषधि से कम नही है ।क्योंकि हल्दी का पानी टाॅक्सिस लीवर के सेल्स को फिर से ठीक करता है ।इसके अलावा हल्दी और पानी के मिले हुए गुण लीवर को संक्रमण से भी बचाते हैं।
4. हार्ट की समस्या से परेशान लोगों को हल्दी वाला पानी पीना चाहिए क्योंकि हल्दी खून को गाढ़ा होने से बचाती है जिससे हार्ट अटैक की संभावना कम हो जाती है...
5. जब हल्दी के पानी में शहद और नींबू मिलाया जाता है।तब यह शरीर के अंदर जमे हुए विषैले पदार्थों को निकाल देता है ।जिसे पीने से शरीर पर बढ़ती हुई उम्र का असर नहीं पड़ताहै।हल्दी में फ्री रेडिकल्स होते हैं जो सेहत और सौंदर्य को बढ़ाते है...
6. शरीर में किसी भी तरह की सूजन हो और वह किसी दवाई से ना ठीक हो रही हो तो आप हल्दी वाला पानी का सेवन करे।हल्दी में करक्यूमिन तत्व होता है।जो सूजन और जोड़ों में होनेवाले असहय दर्द को ठीक कर देता है ।सूजन की अचूक दवा है हल्दी का पानी।
7. कैंसर खत्म करती है हल्दी,हल्दी कैंसर से लड़ती है।और उसे बढ़ने से भी रोक देती है।क्योंकि हल्दी एंटी - कैंसर युक्त होती है।और यदि आप सप्ताह में तीन दिन हल्दी वाला पानी पीएगें तो आपको भविष्य में कैंसर से हमेशा बचे रहेगे।
हमारे वेदों के अनुसार स्वस्थ रहने के 25 नियम हैं।
हमारे वेदों के अनुसार स्वस्थ रहने के 25 नियम हैं।
1- खाना खाने के 1 ,30 घंटे बाद ही पानी पीना चाहिए ।
2 - पानी घूँट घूँट करके पीना है।जिससे अपनी मुँह की लार पानी के साथ मिलकर पेट में जासके पेट में Acid बनता है और मुँह में छार दोनो पेट में बराबर मिल जाए तो कोई रोग पास नहीं आएगा।
3- पानी कभी भी ठंडा (फ़्रिज़ का) नहीं पीना है।
4- सुबह उठते ही बिना क़ुल्ला किए २ ग्लास पानी पीना चाहिय रात भर जो अपने मुँह में लारहै।वो अमूल्य है।उसको पेट में ही जाना ही चाहिए।
5- खाना जितने आपके मुँह में दाँत हैं उतनी बार ही चबाना है।
6- खाना ज़मीन में पलोथी मुद्रा में बैठकर या उखड़ूँ बैठकर ही खाना चाहिए।
7- खाने के मेन्यू में एक दूसरे के विरोधी भोजन एक साथ ना करे जैसे दूध के साथ दही प्याज़ के साथ दूध दही के साथ उड़द की दlल।8- समुद्री नमक की जगह सेंधा नमक या काला नमक खाना चाहिए।
9- रीफ़ाइन तेल डालडा ज़हर है।इसकी जगह अपने इलाक़े के अनुसार सरसों तिल मूँगफलीया नारियल का तेल उपयोग में लाये ।सोयाबीन के कोई भी प्रोडक्ट खाने में ना ले इसके प्रोडक्ट को केवल सुअर पचा सकते है।आदमी में इसके पचाने के एंज़िम नहीं बनते हैं।
10- दोपहर के भोजन के बाद कम से कम 30 मिनट आराम करना चाहिए और शाम के भोजनबाद 400 क़दम पैदल चलना चाहिए।
11 - घर में चीनी (शुगर) का उपयोग नहीं होना चाहिए क्योंकि चीनी को सफ़ेद करने में 17 तरह के ज़हर (केमिकल ) मिलाने पड़ते है।इसकी जगह गुड़ का उपयोग करना चाहिए औरआज कल गुड़ बनाने में कॉस्टिक सोडा (ज़हर) मिलाकर गुड को सफ़ेद किया जाता है। इसलिए सफ़ेद गुड़ ना खाएँ ।प्राकृतिक गुड़ ही खाये प्राकृतिक गुड़ चाकलेट कलर का होता है।
12 - सोते समय आपका सिर पूर्व या दक्षिण की तरफ़ होना चाहिए।
13 - घर में कोई भी अलूमिनियम के बर्तन या कुकर नहीं होना चाहिए। हमारे बर्तन मिट्टी पीतल लोहा और काँसा के होने चाहिए ।
14 - दोपहर का भोजन 11 बजे तक अवश्य और शाम का भोजन सूर्यास्त तक हो जाना चाहिए ।
15 - सुबह भोर के समय तक आपको देशी गाय के दूध से बनी छाछ (सेंधl नमक और ज़ीरा बिना भुना हुआ मिलाकर) पीना चाहिए।
यदि आपने ये नियम अपने जीवन में लागू कर लिए तो आपको डॉक्टर के पास जाने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी और देश के लोगों का कितने लाख करोड़ की बचत होगी ।यदि आप बीमार है,तो ये नियमों का पालन करने से आपके शरीर के सभी रोग (BP, शुगर ) अगले 3 माह से लेकर 12 माह में परोबलम ख़त्म हो जायेगी ।
3- पानी कभी भी ठंडा (फ़्रिज़ का) नहीं पीना है।
4- सुबह उठते ही बिना क़ुल्ला किए २ ग्लास पानी पीना चाहिय रात भर जो अपने मुँह में लारहै।वो अमूल्य है।उसको पेट में ही जाना ही चाहिए।
5- खाना जितने आपके मुँह में दाँत हैं उतनी बार ही चबाना है।
6- खाना ज़मीन में पलोथी मुद्रा में बैठकर या उखड़ूँ बैठकर ही खाना चाहिए।
7- खाने के मेन्यू में एक दूसरे के विरोधी भोजन एक साथ ना करे जैसे दूध के साथ दही प्याज़ के साथ दूध दही के साथ उड़द की दlल।8- समुद्री नमक की जगह सेंधा नमक या काला नमक खाना चाहिए।
9- रीफ़ाइन तेल डालडा ज़हर है।इसकी जगह अपने इलाक़े के अनुसार सरसों तिल मूँगफलीया नारियल का तेल उपयोग में लाये ।सोयाबीन के कोई भी प्रोडक्ट खाने में ना ले इसके प्रोडक्ट को केवल सुअर पचा सकते है।आदमी में इसके पचाने के एंज़िम नहीं बनते हैं।
10- दोपहर के भोजन के बाद कम से कम 30 मिनट आराम करना चाहिए और शाम के भोजनबाद 400 क़दम पैदल चलना चाहिए।
11 - घर में चीनी (शुगर) का उपयोग नहीं होना चाहिए क्योंकि चीनी को सफ़ेद करने में 17 तरह के ज़हर (केमिकल ) मिलाने पड़ते है।इसकी जगह गुड़ का उपयोग करना चाहिए औरआज कल गुड़ बनाने में कॉस्टिक सोडा (ज़हर) मिलाकर गुड को सफ़ेद किया जाता है। इसलिए सफ़ेद गुड़ ना खाएँ ।प्राकृतिक गुड़ ही खाये प्राकृतिक गुड़ चाकलेट कलर का होता है।
12 - सोते समय आपका सिर पूर्व या दक्षिण की तरफ़ होना चाहिए।
13 - घर में कोई भी अलूमिनियम के बर्तन या कुकर नहीं होना चाहिए। हमारे बर्तन मिट्टी पीतल लोहा और काँसा के होने चाहिए ।
14 - दोपहर का भोजन 11 बजे तक अवश्य और शाम का भोजन सूर्यास्त तक हो जाना चाहिए ।
15 - सुबह भोर के समय तक आपको देशी गाय के दूध से बनी छाछ (सेंधl नमक और ज़ीरा बिना भुना हुआ मिलाकर) पीना चाहिए।
यदि आपने ये नियम अपने जीवन में लागू कर लिए तो आपको डॉक्टर के पास जाने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी और देश के लोगों का कितने लाख करोड़ की बचत होगी ।यदि आप बीमार है,तो ये नियमों का पालन करने से आपके शरीर के सभी रोग (BP, शुगर ) अगले 3 माह से लेकर 12 माह में परोबलम ख़त्म हो जायेगी ।
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