तिरुपति बालाजी का रहस्य - My Jiwan Yatra(Manglesh Kumari )

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तिरुपति बालाजी का रहस्य

भारत के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है ,तिरुपति बाला जी का मंदिर आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में स्थित है। इस मंदिर में विराजमान भगवान वेंकट...




भारत के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है ,तिरुपति बाला जी का मंदिर आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में स्थित है। इस मंदिर में विराजमान भगवान वेंकटेश्‍वर स्‍वामी जी की मूर्ति है ,जिसे भगवान विष्णु का अवतार भी माना जाता है।

तिरुपति बालाजी के रहस्य ,

हम यहां तिरुपति बालाजी के ऐसे 7 रहस्य के विषय में बात करेंगे जिससे आप जान कर अभिभूत हो जाएंगे। यहां के सारे रहस्य का जवाब वैज्ञानिकों के पास भी नहीं है।

1  मूर्ति पर लगे बाल असली हैं। भगवान वेंकटेश्‍वर स्‍वामी के मूर्ति पर लगे बाल कभी नहीं उलझते वह हमेशा मुलायम रहते हैं ,ऐसा क्यों होता है इसका जवाब वैज्ञानिकों के पास भी नहीं है।

2  हजारों साल से बिना तेल का जलते दिये। मंदिर के गर्भगृह में एक दीपक जलता है आपको जानकर हैरानी होगी ,यह दीपक हजारों सालों से ऐसे ही जल रहा है ।वह भी बिना तेल के। यह बात काफी ज्यादा हैरान करने वाली है ।ऐसा क्यों है ,इसका जवाब आज तक किसी के पास नहीं हैं ।

3  मंदिर के मूर्ति को पसीना आता हैं । मंदिर का गर्भगृह को ठंडा रखा जाता है पर फिर भी मूर्ति का तापमान 110 फॉरेनहाइट रहता हैं जो कि काफी रहस्यमई बात है ।और उससे भी बड़ी रहस्य मई की बात यह है ।कि भगवान मूर्तिको पसीना भी आता है जिसे समय-समय पर पुजारी पोछते रहते हैं।

4  भगवान की मूर्ति से समुद्र की लहरों की आवाज । भगवान वेंकटेश्‍वर के मूर्ति के कानों के पास अगर ध्यान से सुना जाए, तो समुद्र की लहरों की आवाज आती है। यह भी काफी विचित्र बात है।

5  मूर्ति बीच में है या दाई ओर है ?जब आप मूर्ति को गर्भगृह के बाहर से देखेंगे तो आपको मूर्ति दाई ओर दिखाई देगी और जब आप मूर्ति को गर्भगृह के अंदरसे देखेंगे तब आपको मूर्ति मध्य में दिखेगी।

6  विशेष गांव से आता है फूल। तिरुपति बालाजी मंदिर से करीब 23 किलोमीटर दूर एक गांव पड़ता है। इसी गांव से मंदिर के लिए फूल, फल, घी आदि जाता है । इस गांव में बाहरी व्यक्ति का प्रवेश पर प्रतिबंध है। और इस गांव के लोग काफी पुरानी जीवन शैली का उपयोग करते हैं।

7  परचाई कपूर भी बेअसर है परचई कपूर एक खास तरह का कपूर होता है। जिसे पत्थर पर लगाने पर पत्थर कुछ टाइमबाद चटक जाता है।मगर इस कपूर को भगवान की मूर्ति पर लगाया जाता है। और इस मूर्ति पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता। इस का बहुत बड़ा रहस्य हैं। इस कहानी का गुढ रहस्य है। बहुत पुराने समय की बात है। समुद्र के किनारे स्थित इस मंदिर का निर्माण किया गया था। उस समय  यह  निश्चित किया गया था, जब तक यह पूर्ण नहीं हो जाता ।इस में किसी का प्रवेश नहीं होना चाहिये। जब तक पूर्ण तैयार नहीं हो जाता ,पर ऐसा हो नहीं पाया विधि का क्या विधान है। भगवान की क्या इच्छा है। कृप्या  इसे जरूर पढे बहुत रोमांचक स्टोरी है। आगे विस्तार से जानकारी दी जायेगी। 

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