मंत्र - My Jiwan Yatra(Manglesh Kumari )

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मंत्र

अनाहत मंत्र सुख सलाहद मंत्र , अजोख मंत्र बेसुन मन्त्र निबारन मन्त्र थीर है ।आदि मन्त्र युगादि मन्त्र , अंचल अभंगी मन्त्र ...







अनाहत मंत्र सुख सलाहद मंत्र , अजोख मंत्र

बेसुन मन्त्र निबारन मन्त्र थीर है ।आदि मन्त्र युगादि मन्त्र , अंचल अभंगी मन्त्र

सदा सत्संगी मन्त्र , लयौलीन मन्त्र गहर गम्भीर है ।सोंह सुभान मन्त्र ,अगम अनुराग मन्त्र, निर्मय अडोल

मन्त्र ,निर्गुण निर्बाध मन्त्र , निश्चल। मन्त्र नेक है ।गैबी गुलज़ार मन्त्र, निर्भय निरधार मन्त्र ,सुमरत सुकृत

मन्त्र अगली अबंच मन्त्र अदली मन्त्र अलेख है ।फ़ज़ल फराक मन्त्र , बिन रसना गुणलाप मन्त्र , झिलमिल ।

ज़हूर मन्त्र ,सरबगं भरपूर मन्त्र , सैलान मन्त्र सार है ।ररंकार गरक मन्त्र ,तेज पुंज परख मन्त्र , अदली अबनध मन्त्र ,

अजपानिसनध मन्त्र अबिगत अनाहद ,मन्त्र ,दिल में दीदार है ।वाणी विनोद मन्त्र ,आनन्द असोध मन्त्र , खुरसी करार मन्त्र ,

अनभय उच्चार मन्त्र , उज़ल मन्त्र अलेख है। साहिब सतराम मन्त्र , साँई निहकाम मन्त्र ,पारख प्रकास मन्त्र ,

हिरमबर हुलास मन्त्र , मौले मलार मन्त्र ,पलक बीच खलक है ।

 परमात्मा जी ने ,हमे इतना अनमोल जीवन दिया है। हमें हर पल शुक्रिया अदा करना चाहिए बहुत क़ीमती है ।हमारा कभी ध्यान ,ही नही गया। एक एक रोम हम उस पिता परमेश्वर के क़र्ज़ दार है।अरबों  खर्बों ,धन हो तो भी एक साँस हम ख़रीद नही सकते। उन का नूर इतना प्रभाव शाली है।आँखों का नजारा  देखते ही बनता है। दिव्य दर्शन करने को मन सदा ही ललाइत रहता है ।
               हरि दर्ज़ी का मर्म न पाया , जिन यह चोला  अजब बनाया ।
                   पानी की  सुई  पवन का धागा , नौ दस मास सिम्तें लागा ।
                    पाँच तत की  गुदरी बनाई ,चन्द सूर  दो थिगरी लगाई ।
                     कोटी जतन कर मुकुट बनाया विच विच  हीरा लाल लगाया ।
                     आवै सीवै आवै बनावै , प्राण पुरूष कुं ले पहरावैं ।
                      कहै कबीर सोई  जन मेरा ,नीर खीर का करै निबेरा ।
यह युग  युगनतो  से चला आ रहा हैं ।अब बह समय आया है। जिस की बहुत अरसों से इन्तज़ार कर रहे थे। कलगी वाला अब 
हमारे बिच है। उस के अनमोल ज्ञान को पहचाने ,जानिए,समझीये,उस के ज्ञान संपूर्ण  विश्व में नई आध्यात्मिक चेतना का सूर्योदय हो रही हैं । अच्छी आत्मायें अब देरी न करे। सब से  सुन्दर अनमोल समय मिला है ।उस की मेहर से सारी 
दुनिया जाग गई हैं ।ठीक  का समय आ चुका है ।
                       “ तेरी यादों से भरी ,मेरे दिल की तजौरी में,कोई कोहिनूर भी दे ,तो सौदा न करूँ ।
                         पहचान तो सब से हैं,पर भरोसा तो ( केवल ) बन्दी छोड़  कबीर पर ही है ।”
शेष कल—:

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