सुपर पावर - My Jiwan Yatra(Manglesh Kumari )

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सुपर पावर

कबीर परमेश्वर की दया ( अर्थ मंगला चरण )   गरीब नमों नमों सत पुरूष कुं , नमस्कार गुरू किन्ही । सुरनर मुनिजन साधवा, संतों सर्वस् दीन ह...





कबीर परमेश्वर की दया ( अर्थ मंगला चरण ) 

 गरीब नमों नमों सत पुरूष कुं , नमस्कार गुरू किन्ही ।

सुरनर मुनिजन साधवा, संतों सर्वस् दीन ही 

 सतगुरू साहेब संत सब ,डणडौतम प्रणाम । 

आगे पीछे मध्य हुये, तिन कुं जा कुरवान। 

निराकार नीरिवष ,काल जाल भय भंजनं ।

नीरलेपं नीज नीरगुणं,अंकल अनूप बेसुनन धुनं ।

सोहम सुरती समापतं ,सकल समाना नीरती ले । उज़ल

 हीरंबर हरदमं बे प्रवाह अथाह है, वार पार नहीं मधयंत। 

गरीब जो सुमरत सिद्ध होई, गण नाइक गलताना ।

करो अनुग्रह सोई , पारस पद परवाना

 आदि गणेश मनाऊँ, गण नायक देवन  देवा । 

चरण कवंल लयों लाऊँ आदि अंत करहूँ सेवा ।

 परम शक्ती संगीतं, रिद्धि सिद्ध दाता सोई ।

अबीगत गुणह अतींत, सत पुरूष निर्मोही । 

जगदमबा जग- दीशं,  मंगलरूप मुरारी । 

तन मन अरपु   शीशं, भक्ति मुक्ति भंडारी । 

सुर नर मुनि जन धयावै, ब्रह्मा विषणु महेशा ।

 शेष सहंस मुख गावै, पूजै आदी गणेशा ।

इन्द्र कुबेर सरीखा, वरूण धर्म राय धयावै ।

 सुमरथ जीवन जीका, मन इच्छा फल पावै। 

तैंतीस कोटी अधारा,  धयावै संहस अठासी ।

उतरै भव भवजल पारा ,  कटी है यम की फाँसी ।

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