जब हम परब्रह्म (अक्षरपुरूष) के लोक मे आगे बढते जाते है हमारी तत मंत्र की कमाई पर ब्रह्म रख लेता है क्योकि तत मंत्र परब्रह्म का है ।और हमे आग...

जब हम परब्रह्म (अक्षरपुरूष) के लोक मे आगे बढते जाते है हमारी तत मंत्र की कमाई पर ब्रह्म रख लेता है क्योकि तत मंत्र परब्रह्म का है ।और हमे आगे जाने की अनुमति दे देता है ,हमारे कारण महाकारण शरीर छुट जाते है ।केवल कैवल्य शरीर शेष रह जाता है (नौवे कमल मे बारहरवा द्वार पार करके अमरलोक है) ग्यारहवा द्वार के last मे भँवर गुफा आती है ।
वहाँ पर मानसरोवर बना है वहा से अमरलोक दिखाई देने लगता है वहा परमात्मा इस आत्मा को मानसरोवर मे स्नान करवाते है तब इस आत्मा का कैवल्य शरीर छुट जाता है और वास्तविक नूरी रूप बन जाता है ।तब वहा इस आत्मा के शरीर का प्रकाश सोलह सुरज और चंद्रमा जितना हो जाता है.फिर सत मतलब सारनाम मंत्र की कमाई लेकर ये आत्मा सतलोक मतलब अमरलोक मे प्रवेश कर जाती है ।
वहा सदा के लिए स्थाई हो जाती है.. मौज मनाती है ,नाचती गाती है ,परमात्मा कबीर साहेब के रोज दर्शन करती है.. इस तरह से ये आत्मा काल के जाल से निकल कर अपने घर अपने वतन, रंग मार्ग ,अमरलोक लौट आती है.. फिर कभी काल के लोक मे वापिस नही आती.. सदा के लिए अमर और स्थाई हो जाती है.. सदा के लिए जन्म मरन से पीछा छुट जाता है.. वहाँ का नजारा देखते ही बनता है ।
कबीर सागर की अमरलोक की वाणी पढिये. वहाँ जन्म मरण बुढापा नही होता ,सदा युवा रहती है आत्मा.. अमरलोक मे भी नर नारी है ,परिवार है ,लेकिन ,शब्द शक्ति से बच्चे पैदा होते है ।गर्भ से नही होते.. वहा कोई कर्म नही करना पडता.. अमरलोक मे बाग बगीचे है ,फल फूल नदी मानसरोवर है ।लेकिन सब कुछ नूरी है ।”हिरे” की तरह स्वय प्रकासित.. वहा सभी प्रेम से रहते है.. कोई किसी को जरा भी बुरा नही बोलता.. बड़े बड़े रेस्टोरेन्ट हैं,कमाई नहीं करनीं पड़ती चिन्ता फ़िक्र नाम की कोई चीज़ नहीं
विल ,नहीं भरने पड़ते कोई वस्तु ख़राब नहीं होती ।सब कुछ सदाबहार वन,बृक्ष नदीयाँ झरने नजारा देखने लायक़ हैं । वहाँ गया इन्सान इस काल में नहीं आता ।शब्द रूपी नाम की कमाई कर के सत्य लोक जा सकते हैं ,गुरू कृपा से तत्व ज्ञान मालिक जी के मुखारबिंद से सुना हैं ।काल ने बहुत बड़ा धोखा जीव आत्मायें से किया ,सचाई छुपाकर ,ताकि हम अज्ञानता में पड़े रहेंगे ।
भगवान हर युग में आते हैं ,अपनी पवित्र विशेष आत्मायें लेने के लिये सो अब सदैव तैयार रहें ।
2 comments
hej
hej mor. har du. det godrt
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