त्रिकूटी तक जाने का मार्ग - My Jiwan Yatra(Manglesh Kumari )

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त्रिकूटी तक जाने का मार्ग

प्रथम नाम का ये ब्रह्मांड सात कमलो (चक्रो) मे बांटा हुआ है और हर कमल मे एक...







प्रथम नाम का
ये ब्रह्मांड सात कमलो (चक्रो) मे बांटा हुआ है और हर कमल मे एक एक देवी देवता को प्रधान बना रखा है..

मूल कमल
मूल कमल से सीधी सडक त्रिकुटी तक जाती है.. जब साधक की भक्ति पूरी हो जाती है तो कबीर परमेश्वर एक विमान लेकर गुरू रूप मे आते है.
(हमारी आत्मा पर पांच शरीर चढे हुए है स्थूल, सूक्ष्म ,कारण, महाकारण, कैवल्य शरीर)
हम 5 तत्व के स्थूल शरीर को छोडकर सूक्षम शरीर मे आ जाते है तब हमारा विमान पहले मूलकमल से गुजरता है वहा गणेश जी विधमान है ।हम गंणेश के मंत्र की कमाई उनको देकर उनके कर्ज से मुक्त हो जायेगे।
फिर गंणेश जी हमे आगे जाने की अनुमति देगे.।

स्वाद कमल ।
फिर हम स्वाद कमल मे प्रवेश कर जायेगे यहा के प्रधान ब्रह्मा और सवित्री है.. हम ब्रह्मासवित्री के मंत्र की कमाई इनको देकर कर्ज चुका देगे.. क्योकि ब्रह्मा हमारी उत्पति कर्ता है.. इसके बाद ब्रह्मा जी हमे आगे जाने की अनुमति हमे देगे..

नाभी कमल- ।
फिर हम नाभी कमल मे प्रवेश कर जायेगे नाभी कमल मे विष्णु लक्ष्मी प्रधान है हम इनके मंत्रकी कमाई इनको देकर कर्ज चुका देगे.. क्योकि विष्णु पालन पोषण कर्ता है. फिर विष्णु जी हमारे विमान को आगे जाने की अनुमति देगे..

हदय कमल ।
फिर हम हदय कमल मे प्रवेश कर जायेगे. यहा के प्रधान शिव पार्वती जी है ।इनके मंत्र की कमाई इनको देकर इनका कर्ज चुका देगे.. क्योकि शिव संहार करते है. फिर शिव हमारे विमान को आगे जाने की अनुमति द्गे.

कंठ कमल ।
फिर हम कंठ कमल मे प्रवेश कर जायेगे.. यहाँ की प्रधान दुर्गा माता जी है ।हम दुर्गा माता के मंत्र की कमाई दुर्गा माता जी को देकर इसका कर्ज चुका देगे.. फिर दुर्गा माता जी हमे आगे जाने की अनुमति देगी..

त्रिकुटी कमल ।
फिर हम त्रिकुटी कमल दसवे द्वार मे प्रवेश कर जायेगे. दसवे द्वार मे आगे चलकर त्रिवेणी आती है.. तीन रास्ते हो जाते है.. ये हवाई अडडा समझो प्रथम मंत्र हमे यहाँ तक लाकर छोड देते है. इससे आगे सतनाम के दो अक्षर उडाकर ले जाते है.

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