घीसा दास जी कहते है मूल कमल से सीधी सडक जाती है सतनाम (ओम + तत) ले जा उडाकर...जैसे हमे अपने घर से दूसरे देश जाना हो तो पहले बस या कार से by ...
घीसा दास जी कहते है मूल कमल से सीधी सडक जाती है सतनाम (ओम + तत) ले जा उडाकर...जैसे हमे अपने घर से दूसरे देश जाना हो तो पहले बस या कार से by सडक airport जायेगे। उसके बाद हम बस कार से नही जा सकते फिर हमे airport से हवाई जहाज से उड कर जाना पडेगा..
ठीक इसी तरह मूल कमल से त्रिकुटी तक सीधी सडक जाती है गुरू जी का प्रथम मंत्र समझो बस कार जो हमे त्रिकुटी तक लेकर जायेगा.. त्रिकुटी हवाई अडडा समझो.. त्रिकुटी से आगे हमे सतनाम का मंत्र उडाकर लेकर जायेगा.. सतनाम के दो अक्षर को हवाई जहाज समझो.. (नाम की नौका ही भवसागर से पार करती है)
विशेष जानकारी-
नोट - हमारा शरीर एक ब्रह्मांड का नक्शा है जो कुछ एक ब्रह्मांड मे है वो हम शरीर मे भी देख सकते है जैसे internet पर आप कुछ भी देख सकते हो इसी तरह परमात्मा की पावर से हम ब्रह्मांड को इस शरीर मे देख सकते है । संत कमल बोलते है योगी चक्र बोलते है। ये कमल चक्र इन देवताओ के आवास स्थल है ।जहाँ ये रहते है ,ये ब्रह्मांड मे ही है ये समझ लो हमारा शरीर मिनी ब्रह्मांड है। ये देवता कमल के अन्दर हमारे शरीर मे भी विधमान है.।यह केवल कबीर जी महाराज के मन्त्र जाप करने से तत्व ज्ञान के द्वारा सभी आत्माओं पर अपनी कृपा बनाये हुये हैं। हे मालिक तेरा भाणा मीठा लागे।नाम रूपी धन इकट्ठा करके भगवान की आज्ञानुसार चले तो ही अपनी मंज़िल तक पहुँच सकते हैं ।
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