एक महानुभाव के मैं प्रवचन सुन रहा था। जिस में कबीर दास जी का एक शलोक बोला गया........ एक राम दशरथ का बेटा ,एक राम घाट घाट में लेटा, एक राम ...

एक महानुभाव के मैं प्रवचन सुन रहा था। जिस में कबीर दास जी का एक शलोक बोला गया........
एक राम दशरथ का बेटा ,एक राम घाट घाट में लेटा,
एक राम का सगल पसारा ,एक राम सब सबहु ते न्यारा।
यानी राम जी के चार प्रकार बताए गए हैं। परन्तु इन लोगों से आज तक किसी ने नहीं पूछा कि इस श्लोक को पूरा कौन पढ़ेगा पहले प्रश्न है ? पश्चात कबीर जी उत्तर देते हैं। अब बताओ क्या राम चार प्रकार के हैं ।या एक ही हैं ?
जरा विचार कीजिए ,कि हमें जिन लोगों ने भ्रमित किया हुआ हैं, हमें प्रभु से दूर करके ,अपना उल्लू सीधा करने का कितना बड़ा षड्यंत्र रचा हुआ हैं ।हम कभी सोच भी नहीं सकते,कितना विमुख अपने परम पिता परमेश्वर जी का असली नाम का पता चल सके।
हमें भी थोडा विचार करना चाहिए कि क्या सही हैं और क्या ग़लत हैं. यूनिवर्सल के पूर्ण परमात्मा जी है ।अज्ञानता के कारण हम समझ नहीं पाये ।
हम उस पूर्ण परमात्मा को महसूस कर सकते है ।वो हर पल हमारे साथ है।
राम मेरे सज्जे खबें ,राम मेरे पड़दे कझे ,
राम मेरा सदा सहाई ,राम मेरा पालनहार ।
राम सबारे सगरे काज ,राम मेरा बकशन हार।
राम मेरा सदा सहाई ,तेरी मेहिमा किसी ने न पाई ।
तेरी मौज तुही जाने युगों युगों राम की चर्चाओं का भोला भाला रहा ,हैं (बह कबीर ही राम हैं )असल में देखा जाये ।राम राम सब जगत बखाने, आदि राम कोई विरला जाने ,
लेकिन वो अविनाशी राम कौन हैं ,इसकी वास्तविकता कोई नहीं जानता ,राम हमें मिले हैं ।वो परमेश्वर हैं वो हमारे सारे दुःख दर्द हर लेंगे ,सभी आपत्ति और विपदाओं को टाल देंगे .दयालु परमात्मा हमारी पल पल रक्षा करेगे ।उस विश्व आत्मा को भावनाओं सहित प्रणाम करती हूँ ।
मालिक ,मैं बहुत भाग्य शाली हूँ आप हमारे साथ हैं ,अब मैं बिलकुल निश्चित हूँ ,मेरे जीवन की बागडोर आप के हाथों में है
मेरे निर्माता तथा निर्देशक भी आप हैं ।में पूर्ण रूप से ईश्वर पर निर्भर हूँ ,आप के मार्गदर्शन से चल रहीं हूँ आप के ज्ञान ने तो
मेरा मन मोह लिया है ऐसा निर्मल ज्ञान मैं तुच्छ प्राणी हूँ मेरा वंदन अभिनंदन स्वीकार करे।
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