यू ही वक़्त गुज़रता गया ।बेटी ने बिज़नस को सम्भाला . बेटा अभी कोर्स कर रहा था. तो बेटी ने अपना सारा विजनस अपने पापा की तरह सम्भाला. इस को...
यू ही वक़्त गुज़रता गया ।बेटी ने बिज़नस को सम्भाला . बेटा अभी कोर्स कर रहा था. तो बेटी ने अपना सारा विजनस अपने पापा की तरह सम्भाला. इस को बिज़नस के बारे में काफ़ी नॉलेज थी । क्योंकि ये ज़्यादातर यह अपने पापा के साथ शोप पर ही रहती थीं. रविज़र का काम या जो भी दुकान का हिसाब किताब का काम बखुवी से कर पाती सब उसे आता था ।
इस साल हमारी वहाँ कोनफ़्रांस मीटिंग हुई थीं. वहाँ आप जितने दिन चाहो रह सकते हों. वहाँ पर किसी ने हमें मेरी बेटी के लिए रिश्ता बताया . हमें लड़का देखने के लिए अपने घर बुलाया. काफ़ी ख़ातिरदारी की . लड़का काफ़ी पड़ा लिखा था , विजनसमेन था , हैंडसम था. लड़के वाले चाहते थे कि झट मँगनी , पट विवाह हो जाए. फिर हम वापिस आ गये. लड़के ने लड़की की मामी को फ़ोन किया कि लड़की को कहो कि वो मेरे साथ शादी करने के लिए राज़ी हो जाए ।
लेकिन लड़की अभी अपने पापा के ग़म को भुला नहीं पाई . तो उसने शादी से मना कर दिया . उसने कहा कि वो अभी शादी के लिए रैडी नहीं हूँ ।ऐसे ही समय बीतता गया. फिर मैं और मेरी बेटी स्टॉक्होलम किसी फ़ैमिली की शादी की सालगिरह पर गये . माहौल चेंज हुआ . उनको भी बहुत अच्छा लगा। फिर मेरी छोटी सिस्टर लंदन से यहाँ हमारे पास घूमने के लिए आई. ख़ुशी का माहौल बना फिर हम काफ़ी जगह घूमने के लिए निकल गये ।आते ही बहुत बड़ा सरप्राइज़ मिला ।
जहां मैं काम करती थीं। उन्होंने मुझे परमानैंट काम पर रख लिया , मेरी सैलरी भी बड़ा दी काम ही मेरा फ़ैशन था ।जी जान काम करती थी। घर आ कर शोप की देख भाल करना, घर की मैन टैन रखना आदि। यू ही बकत गुजरता गया अपने आप को ज़्यादा व्यस्त कर लिया ,साथ साथ कोर्स करने लगी , शुरू से किताबें पड़ने का बहुत शौक़ था । जो कि मेरे दादाजी ने सिखाया था । किताबों से बहुत कुछ सीख सकते हैं । मेरे नाना जी ने सिखाया था जितना चुप रहो उतना ही अधिक अच्छा है । मनन ,चिन्तनशील,ध्यान, करने से ऊर्जा वेस्ट नहीं होती ।
अध्यात्मीक उन्नति। होती हैं । किसी को कभी दुख मत देना क्योंकि ,दी हुई चीज़ एक दिन हज़ार गुनी हो कर लौटती हैं। मन में सदैव एक ताजगी ,एक एहसास ,एक ख़ूबसूरती,एक आस ,एक आस्था, एक विश्वास, यही है ज़िन्दगी को अच्छे विचारों में ढालना। ताकि आने वाली चुनौतियों का सामना करने में कोई परेशानी न आए।ईश्वर का डर सदैव बना रहे ।अच्छे विचारों का आगमन बना रहे ,कि ईश्वर हमें देख रहा है सदैव यहीं धारणा बनी रहे ।चिन्ता ना करें ,क्योंकि जिस मालिक ने हमे दुनियाँ में भेजा है । उसका सबको बहुत फ़िक्र है। बिना कहे जो सब कुछ कह जाते हैं। बिना क़सूर के जो सब कुछ सह जाते है। दूर रह कर भी अपना फ़र्ज़ निभाते हैं । सब ऊपर वाले के खेल निराले है ।
पलक झपकने में देर हो सकती हैं,
उस के आने में नहीं ..कमियाँ हममें ही है ।
उसके निभाने में नही ।
U passed the time. The daughter handled the business. The son was still doing a course. So the daughter handled all her vision like her father. She had a lot of knowledge about business as she used to live mostly on the show with her father. Ravizar's work or whatever the shop's accounting address was known to him .
I used to work in Town Hall (Råd hus). It was a great job. While working, it felt like God was always with me. Being busy at work does not even reveal the time. And the children's concerns were also left to him. Everything was left to God. Whatever he does, he will do well. Every year we started going to Shantikunj. There are very good systems for mannequin. Shanti Kunj is a very holy place .
This year we had a conference meeting there. You can stay there for as long as you want. Someone there told us a relationship for my daughter. Called us home to see the boy. Well done. The boy had written a lot, was a visionman, was a handsome. The boys wanted to get married immediately, and get married. Then we came back. The boy called the girl's aunt to tell the girl to agree to marry me ........
But the girl could not forget her father's sorrow right now. So he refused to marry. She said that she is not ready for marriage yet. Time passed like this. Then me and my daughter Stockholm went on the wedding anniversary of a family. The atmosphere changed. He also liked it very much ………… Then my little sister came here from London to visit us. A feeling of happiness was created, then we went out for a lot of places got a big surprise soon .
Rest Tomorrow ....
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