मेरे दो अनमोल रतन- 16 - My Jiwan Yatra(Manglesh Kumari )

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मेरे दो अनमोल रतन- 16

शादी के बाद मेरी इच्छा थी कि मेरे लड़की हो तो उसका नाम मैं मीनाक्षी रखूँगी. इसकी भी एक स्टोरी हैं . जो हम आपको फिर शेयर करेंगे. फिर हमारे ब...


शादी के बाद मेरी इच्छा थी कि मेरे लड़की हो तो उसका नाम मैं मीनाक्षी रखूँगी. इसकी भी एक स्टोरी हैं . जो हम आपको फिर शेयर करेंगे. फिर हमारे बेटी हुई , उसका नाम हमने मीनाक्षी ही रखा. फिर हमारे घर रोनक हुई . ख़ुशी का माहौल बना. फिर दो साल बाद हमारे घर बेटा हुआ . उसका नाम उसकी भुआ ने वीनू रखा. फिर इस ख़ुशी के माहौल में मेरे मम्मी ,पापा इंडिया से मेरे पास आ गये .हमने उनका फूलों से स्वागत किया . घर में चारों तरफ़ ख़ुशियाँ ही ख़ुशियाँ थी. 
शर्मा जी का कहना था कि जितने अच्छे संस्कार तुम्हारे माँ , बाप ने तुम्हें दिए हैं वो सभी संस्कार मेरे बच्चों को भी मिलें . अगर उनके नाना ,नानी हमारे पास होंगे तो उन्हें भी अच्छी बातें सुनने , समझने को मिलेंगी . क्योंकि हम तो सारा दिन काम पर ही बिज़ी रहते थे. और मेरा बड़ा भाई मम्मी, पापा को बाहर घुमाने ले जाता . मम्मी , पापा तो यहाँ आ कर बहुत खुश हुए इतना अच्छा माहौल . इतना सुन्दर वातावरण और यहाँ के लोग देख कर बहुत खुश हुए वो तो कहते कि हम paradise में आ गए. हम सुबह बच्चों को स्कूल छोड़ते और शाम को अपने साथ ही घर ले आते .

 शाम को जब हम घर आते तो गरमा गर्म खाना हमें खाने को मिलता . बच्चे रोज़ नानी से कथा कहानियाँ सुनते . बच्चों का और नाना, नानी का दिल भी लगा रहता. मेरी छोटी बहन लंदन में रहती थी जब उसके फ़र्स्ट बेबी हुआ तो मेरे मम्मी ,पापा लंदन चले गए.वहाँ पर भी मम्मी ,पापा बहुत खुश हुए . खूब एंजोये किया. मेरे चाचा जी भी लंदन में रहते थे . भाई भाई मिल कर बहुत खुश हुए. वचपन की यादें ताज़ा हुई और बातें कर के खूब हँसी मज़ाक़ हुआ. फिर वहाँ से वो पैरिस और आयरलैंड घूमने चले गये.वहाँ पर भी घूमें फिरे और Enjoy की. वहाँ की नैचरल ब्यूटी , साफ़ -सफ़ाई , Discipline को देख कर बहुत खुश हुए , और यहाँ के लोग भी बहुत खुश मिज़ाज वाले थे , हमेशा उनके चेहरों पर हँसी हुआ करती थीं ।

शेष कल 


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