उसी दिन ही हमारा डिनर उन फ़ैमिली के घर था ।जो मुझे एयरपोर्ट पर लेने आए थे. उनसे मिल कर बहुत ख़ुशी हुई , अपनापन महसूस हुआ. मुझे ऐसा नहीं लगा ...
उसी दिन ही हमारा डिनर उन फ़ैमिली के घर था ।जो मुझे एयरपोर्ट पर लेने आए थे. उनसे मिल कर बहुत ख़ुशी हुई , अपनापन महसूस हुआ. मुझे ऐसा नहीं लगा जैसे कि हम पहली बार मिल रहे हैं. उन लोगों की नेचर काफ़ी अच्छी थीं. खूब खाया पिया , एनज़ोय किया. खाना भी बहुत स्वादिष्ट था. खाने में पुरी इंडिया की ही फ़ीलिंग आ रही थीं. मन बहुत खुश हुआ. बिल्कुल भी पराया पन नहीं लगा. मिलनसार फ़ैमिली थीं. मुझे यह अपनी Mercedes कार में ले कर अपने घर आए मैं अपने आपको बहुत लकी समझती हूँ . कि आते ही मैं Mercedes कार में घूमने लगी और Mercedes इतनी महँगी कार मैंने जीवन में भी नहीं सोचा होगा . वो मुझे मिलीं. कार में बैठते जैसे ही कार ऑन की , रेडियो की स्क्रीन पर पानी में मछलियाँ तैरती दिखाई दीं. हम अपने घर आये ,स्वागत हुआ ।
जब मैं घर में एंटर हुई तो पूरे घर में सराउंड साउंड चल रहा था. घर बहुत सुन्दर और बड़ा था. घर का वातावरण भी बहुत खूबसूरत था . घर के बाहर का व्यू भी बहुत सुंदर था. चारों तरफ़ हरियाली ही हरियाली थीं. हमारा घर एर्पोर्ट और समुद्र के नज़दीक था . धीमी धीमी आवाज़ में रोमांटिक गाने चल रहे थे. इन्हें फुटबॉल का बहुत शौक़ था. मैंने पहली बार इतना बड़ा टेलीविजन देखा था. धर की सजावट देखने वाली थी . घर में सभी कुछ था. जो की होना चाहिए. लिविंग स्टैंडर्ड भी क्वालिटी ओफ़ लाइफ़ था. मुझे यह सब देख कर बहुत ही ख़ुशी हुई .मैंने भगवान का लाख २ शुक्रिया किया .उन की मर्ज़ी के बग़ैर पत्ता भी नहीं हिल सकता.
शेष कल-
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