सोच विचार से बात करें - My Jiwan Yatra(Manglesh Kumari )

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सोच विचार से बात करें

इस दुनिया में तरह-तरह के लोग होते हैं , कुछ तो ऐसे होते हैं, जो स्वयं की कमजोरियों को तो नज़रंदाज़ कर जाते हैं किंतु दूसरों की कमजोरियों पर उप...

इस दुनिया में तरह-तरह के लोग होते हैं , कुछ तो ऐसे होते हैं, जो स्वयं की कमजोरियों को तो नज़रंदाज़ कर जाते हैं किंतु दूसरों की कमजोरियों पर उपहास करने में सदा तत्पर रहते हैं. यहीं वास्तविकता का अनुमान लगायें ,बिना वे दूसरों की कमजोरियों पर हँसते हैं ,और अपने तीखे शब्दों के बाणों से उन्हें ठेस पहुँचाते हैं ,यह भी कितनी विडंबना हैं, किंतु जब उन्हें यथार्थ का तमाचा पड़ता है, तो सिवाय ग्लानि के उनके पास कुछ शेष नहीं बचता. जैसे कहते है, कि गाड़ी में अगर ब्रेक ना हो तो दुर्घटना निश्चित है ,यद्यपि,जीवन में अगर संस्कार और मर्यादा ना हो तो पतन निश्चित हैं। आज मैं आपको एक अंधे लड़के (Blind Man) की कहानी बताऊँगी। जिसे ऐसे ही लोगों के उपहास का पात्र बनना पड़ा ।

एक गाँव में एक अंधा लड़का रहता था ,वह रात में जब भी बाहर जाता, एक जली हुई लालटेन (लैम्प) हमेशा अपने साथ रखता था , एक रात वह अपने दोस्त के घर से भोजन करके अपने घर वापिस आ रहा था , हमेशा की तरह उसके हाथ में एक जली हुई लालटेन थी , कुछ शरारती लड़कों ने जब उसके हाथ में लालटेन देखी, तो उस पर हंसने लगें और उस का मजाक उड़ाने लगे ,और कहने लगे अरे,देखो-देखो अंधा लालटेन लेकर जा रहा है , अंधे को लालटेन का क्या काम ?

उनकी बात सुनकर अंधा लड़का ठिठक गया ,और नम्रता से बोला, सही कहते हो भाईयो ,मैं तो अंधा हूँ , देख नहीं सकता ,मेरी दुनियाँ में तो सदा से अंधेरा रहा है , मुझे लालटेन का क्या काम ? मेरी आदत तो अंधेरे में ही जीने की है ,लेकिन आप जैसे आँखों वाले लोगों को तो अंधेरे में जीने की आदत नहीं होती ,आप लोगों को अंधेरे में देखने में समस्या हो सकती है , कहीं आप जैसे लोग मुझे अंधेरे में देख ना पायें ,और धक्का दे दें, तो मुझ बेचारे का क्या होगा ? इसलिए ये लालटेन आप जैसे लोगों के लिए लेकर चलता हूँ ,ताकि अंधेरे में आप लोग मुझ अंधे को देख सकें ,मैं तो आँखों से ही अंधा हूँ। आपके पास आंखे हो कर भी किसी के प्रति कोई जागृति नहीं , आप तो सोच, विचारों,और बुद्धि से भी अंधे हो।

अंधे लड़के की बात सुनकर वे लड़के शर्मसार हो गए ,और उससे क्षमा मांगने लगे. उन्होंने प्रण किया ,कि भविष्य में बिना सोचे-समझे किसी से कुछ नहीं कहेंगे ,अब से हम सब की कदर किया करेंगे, उनकी जो तुम्हारी बुरी हरकतों के बाद भी बहुत लोग तुम से ज़्यादा अच्छे से बात करते हैं ।
( शिक्षा ) 
कभी किसी को नीचा दिखाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए ,और कुछ भी कहने के पूर्व अच्छी तरह सोच-विचार कर लेना चाहिए ,क्या पता कल आपके साथ भी कुछ ऐसा ही हो।हमें हमेशा भगवान से डर कर रहना चाहिए ।कभी भी कोई ऐसी बात नहीं करनी चाहिये ,जिससे किसी का दिल दुःखी हो ।अपनी ज़िंदगी को बेहतर ख़ूबसूरती से जियें ,किसी के काम आ सकें ,क्योंकि अच्छे कर्म करना आप के हाथ में हैं, कल का पता नहीं ।

शेष कल —:

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