सूक्ष्म ज्ञान - My Jiwan Yatra(Manglesh Kumari )

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सूक्ष्म ज्ञान

शास्त्रानुकूल साधना से ही मोक्ष की प्राप्ति की जा सकती है।आज पुरे विश्व में शस्त्रों अनुसार साधना केवल संत महाराज ही बताते है।आप सभी से विनम...

शास्त्रानुकूल साधना से ही मोक्ष की प्राप्ति की जा सकती है।आज पुरे विश्व में शस्त्रों अनुसार साधना केवल संत महाराज ही बताते है।आप सभी से विनम्र निवेदन है ।अविलंब ना करें ,शब्द रूपी नाम की कमाई कर के आध्यात्मिक जीवन यात्रा को सफल बनाये ।सत्य लोक जानें कि तैयारी करें 84 लाख योनीयों से बच सकते हैं ।
                             कबीर जब ही सत्य नाम धरा , भयों पाप का नाश
कबीर जी ,महाराज का तत्व ज्ञान सुन कर बड़ी ख़ुशी मिलतीं हैं ।ऐसा ज्ञान हम ने कभी नहीं सुना ,इस काल के लोक में केवल कबीर परमात्मा ,के सिवाय किसी को नहीं पता,असलीयत को छुपा के रखा ,लोगों को भ्रमित किया, दिन रात की मेहनत ने आज चार चाँद लगा दिये ।सूर्य का उजाला हुआ हैं ,हम सब पर परमात्मा जी की कृपा बनी हुई हैं ,अब हमारे पास गोल्ड चांस है ,सभी भक्त जन बड़ी श्रद्धा से सत्संग सुन रहे हैं ,उन्ही के स्वरूप में महाराज जी आये हुए है।इन का तहेदिल से स्वागत किया जाये ,तभी हम सब को ख़ुशी होगी उन की आज्ञानुसार चलें ,( यह मन कैसे धीर धरे )सद्गुरू तो जानी जान है ,हमारी व्यथा को समझते हैं ,सत साहेब जी महाराज के चरणों में कोटी कोटी प्रणाम गलती के लिए क्षमा प्रार्थी हूँ ।

शास्त्रों अनुसार साधना से ही मोक्ष की प्राप्ति की जा सकती हैं ।आज पूरे विश्व में शास्त्राअनुकूल साधना केवल संत महाराज जी ही बताते है ।आप सभी से विनम्र निवेदन है अभिलंब न करे, नाम दीक्षा ले अपना जीवन सफल बनाये । महाराज जी के मंगल प्रवचन सुनीये ।आपने ऐसा निर्मल ज्ञान कभी नहीं सुना होगा ।जबकि सभी ज्ञान हमारे ही सद्-ग्रन्थों में पहेले से ही विध्यमान है जीवन रहते ही विचार करे ।
       हाड़ जले ज्यूँ  लाकडी, केस जले ज्यूँ  घास । 
       कंचन जैसी काया जल गई,कोई न आयो पास । 
जगत में कैसा नाता रे …….
इस काल के लोक में केबल कबीर परमात्मा से बढ़कर सहारा देने बाला कोई नहीं है ।उन्हीं के स्वरूप में सद्गुरू परमात्मा महाराज जी धरती पर आये हुए हैं ।सम्पर्क करे पूरी यूनिवर्सल के मालिक पूर्ण परमात्मा जी है। बन्दी छोड़ कबीर जी महाराज के चरणों में कोटी कोटी प्रणाम एक मूर्खानन्द जी के मैं प्रवचन सुन रहा था ,जिस में कबीर दास जी का एक शलोक बोला गया ….एक राम दशरथ का बेटा …एक राम घाट घाट में लेटा ….एक राम का सगल पसारा …..एक राम सब सबहु ते न्यारा
यानी राम जी के चार प्रकार बताए गए हैं ।परन्तु इन लोगों से आज तक किसी ने नहीं पूछा कि इस श्लोक को पूरा कौन पढ़ेगा


पहले प्रश्न है .....??? पश्चात कबीर जी उत्तर देते हैं।अब बताओ क्या राम चार प्रकार के हैं या एक ही हैं …..???
जरा विचार कीजिए ,कि हमें जिन लोगों ने भ्रमित किया हुआ हैं, हमें प्रभु से दूर करके ,अपना उल्लू सीधा करने का कितना बड़ा षड्यंत्र रचा हुआ हैं.... हमें भी थोडा विचार करना चाहिए कि क्या सही हैं ,और क्या ग़लत हैं., धर्म के ठेकेदारों का....पुरी यूनिवर्सल के पूर्ण परमात्मा कबीर जी है ,अज्ञानता के कारण हम समझ नहीं पाये ।हम उस पूर्ण परमात्मा को महसूस कर सकते है ।वो हर पल हमारे साथ है ।
राम मेरे सज्जे खबें ,राम मेरे पड़दे कझे ,राम मेरा सदा सहाई ,राम मेरा पालनहार ।राम सबारे सगरे काज ,राम मेरा बकशन हार ,राम मेरा सदा सहाई ,तेरी मेहमा किसी ने न पाई

तेरी मौज तुही जाने ,युगों युगों राम की चर्चाओं का भोला भाला रहा बह कबीर ही है ।राम राम सब जगत बखाने, आदि राम कोई विरला जाने , लेकिन वो अविनाशी राम कौन हैं, इसकी वास्तविकता कोई नहीं जानता ,राम हमें  मिले हैं वो  परमेश्वर (कबीर महाराज जी हैं) वो हमारे सारे दुःख दर्द हर लेंगे ,सभी आपत्ति और विपदाओं को टाल देंगे ,दयालु परमात्मा ,हमारी पल पल रक्षा करेगें ।मन की अन्तरआत्मा की गहराइयों सहित नमन ,करती हूँ ।पूर्ण परमात्मा राम कोई ओर नहीं केवल कबीर महाराज जी हैं ।

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