एक राजा के विशाल महल में एक सुंदर वाटिका थी। जिसमें अंगूरों की एक बेल लगी थी ,वहाँ प्रतिदिन एक चिड़िया आती ,और मीठे अंगूर चुन चुन कर खा जाती...
एक राजा के विशाल महल में एक सुंदर वाटिका थी। जिसमें अंगूरों की एक बेल लगी थी ,वहाँ प्रतिदिन एक चिड़िया आती ,और मीठे अंगूर चुन चुन कर खा जाती और अध पके और खट्टे अंगूरों को नीचे गिरा देती. माली ने चिड़िया को पकड़ने की बहुत कोशिश की पर वह हाथ नहीं आई, निराश होकर एक दिन माली ने राजा को यह बात बताई ।
यह सुन प्रताप को आश्चर्य हुआ,उसने चिड़िया को सबक सिखाने की ठान ली ,और वाटिका में छिप कर बैठ गया.
जब चिड़िया अंगूर खाने आई तो राजा ने तेज़ी दिखाते हुए उसे पकड़ लिया. जब राजा चिड़िया को मारने लगा तो चिड़िया ने कहा। हे ,राजन मुझे मत मारो मैं आपको ज्ञान की 4 महत्वपूर्ण बातें बताऊंगी.
राजा ने कहा ज़ल्दी बता, चिड़िया बोली, हे राजन सबसे पहले तो हाथ में आये हुए शत्रु को कभी मत छोड़ो राजा ने कहा, दुसरी बात बता, चिड़िया ने कहा ,असंभव बात पर भूल कर भी विश्वास मत करो। और तीसरी बात यह है कि बीती बातों पर कभी पश्चाताप मत करो। राजा ने कहा अब चौथी बात भी ज़ल्दी से बता दो.इस पर चिड़िया बोली चौथी बात बड़ी गूढ़ और रहस्यमयी है. मुझे ज़रा ढीला छोड़ दें क्योंकि मेरा दम घुट रहा है l
कुछ साँस लेकर ही बता सकूंगी, चिड़िया की बात सुन जैसे ही राजा ने अपना हाथ ढ़ीला किया. चिड़िया उड़ कर एक डाल पर बैठ गई और बोली. हे ,राजन मेरे पेट में दो बेशमार कीमती हीरे हैं। यह सुन कर राजा पश्चाताप में डूब गया ,
राजा की हालत देख चिड़िया बोली ,हे राजन ज्ञान की बात सुनने और पढ़ने से कुछ लाभ नहीं होता है. बल्कि उन पर अमल करने से होता है। आपने मेरी कोई भी बात नहीं मानी। मैं आपकी शत्रु थी ,फिर भी आपने पकड़ कर मुझे छोड़ दिया। मैंने यह असंभव बात कही कि मेरे पेट में दो हीरे हैं। फिर भी आपने उस पर भरोसा कर लिया. आपके हाथ में वे काल्पनिक हीरे नहीं आये तो आप पछताने लगे।
उपदेशों को जीवन में उतारे बग़ैर उनका कोई मोल नहीं। करनी पर विश्वास होना चाहिए। ज़िन्दगी जीने का सही तरीक़ा आना चाहिए। तो ही बात बने। भगवान ने सभी को विशेष गुण दिये है। चाहें मनुष्य हो या जानवर। हमेशा अपनी सोच को विशाल बनाये कर्म ही प्रधान है। ईश्वर ने हमे पूर्ण रूप से आज़ादी दी। हम पूर्ण रूप से देख सकते है। समुन्दर या कही भी जानवरों या कोई भी पक्षी हो, हम उसे दाना डालते है। सब से पहले बह दूसरे पक्षियो को आवाज़ें मार मार कर बुलाते है। फिर इककठे चौगा खाते है। उन मे ऐसी ख़ुशी देख कर मन अति प्रसन्न होता है। पक्षियों का कोई वोडर यानि स्टेशन या ( एयर पोर्ट ) नही होता ,आसानी से कहीं भी आ जा सकते। फिर भी उन मे कितनी ख़ुशी होती है। चहल ,पहल और प्यार ,एकता होती हैं हम इन्सान हो कर भी बहुत कुछ सीख सकते है। केवल इंसान अपने आप को बहुत बड़ा मानता है । अहंकार से निकलना नहीं चाहता उस के लिये मैं से बड़ कर कुछ भी नहीं दिंखता दूसरों को तूच्छ समझता है ।
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