बेसब्र आँखों की तडफ - My Jiwan Yatra(Manglesh Kumari )

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बेसब्र आँखों की तडफ

बेसब्र आँखों की तडफ और भी बढ़ जाती ,जब ये दिल तुम्हारे दीदार की ज़िद करता है , कहते है अपने हंस को यू राखू ज्यों हरी राखिय...




बेसब्र आँखों की तडफ और भी बढ़ जाती ,जब ये दिल तुम्हारे दीदार की ज़िद करता है ,
कहते है अपने हंस को यू राखू ज्यों हरी राखियों प्रह्लाद ,मनुष्य का सच्चा साथी पूर्ण परमात्मा ही है । जिस की भक्ति करने से सभी कष्ट और दुख दूर हो जाते है। असली सार नाम गुप्त हैं।  और इसे महाराज ही बता सकते है ( प्रथम नाम ) ( दूसरा सत्य नाम ) ( तीसरा सार -नाम ) ( P.H. ) का है अनमोल संजीवनी जड़ी हैं। निष्कर्ष आज तक किसी को नहीं मिला बिना सोचे समझे नाम नहीं देना अपना कल्याण प्रथम है। मालिक के पास जाना है ,नाम जपने से सुख की अनुभूति होती हैं । कभी कभी अपने मन यानी ( नवज ) को टटोल लेना चाहिए कि हमारा लेवल कहाँ तक पहुँचा है। यदि परमात्मा पाने की “कसक” यानि ( तड़प ) के साथ नाम जपा जाये तो विशेष तथा शीघ्र लाभ होता हैं । मैने मौत के भय से नाम उच्चारण किया था ,नहीं तो फिर सागर में डूब जाना था ,इस को संतों ने ररंकार धुन यानि (लगन) कहा है ।दर्शन साधु का मुख पर बसे सुहाग ,दर्शन उन्हीं को होत हैं जिनके पूर्ण भाग। आत्मा का रक्षक परमात्मा है ,
ज़िन्दगी एक क़ुल्फ़ी की तरह है।इसे  टेस्ट ( Taste) करो या वेस्ट करो यह अपने ऊपर हैं, पिघल तो रही है इसलिए ज़िन्दगी को टेस्ट करना सीखें हमारे कहने का भाव यह है कि परमात्मा ने हमें इतनी अच्छी जिंदंगी दी हैं। हमें इस अनमोल जीवन को अच्छे कार्यों में लगना चाहिये,  न कि ग़लत कार्यों में, इस ज़िंदगी को ख़ुशी से जीयो और इसका आनन्द लो , प्रभु का सिमरन करो, किसी से कोई भेद भाव करो , किसी का दिल ना दुख़ाओ,हर एक इंसान , पशु,पक्षी,जनावर सब के अंदर परमात्मा का वास हैं. हम सब का ध्यान रखना चाहिये।हमारी ज़िंदगी बहुत छोटी सी हैं, इसे हम यूँ ही। ना गँवाये . अच्छे काम करके उसका फ़ायदा लें. नहीं तो समय का चक्का घूम ही रहा हैं,बाद में पछताने से पहले ही अपने आप को पहचानो। भगवान ने आपको क्यू इंसान बनाया हैं और क्यू भेजा है इस संसार में,? अपने आप को पहचानो आप अनमोल हो,सर्वश्रेष्ठ हो सब कुछ कर सकते हो, तो इस लिए अच्छें कर्म करो.

इसलिये परमात्मा हमें भक्ति करने की सलाह देते है। रोज़ सत्संग जाने से ज्ञान की प्राप्ति होती हैं। जीने की राह ,आसा' प्रवचनों का मनन चिन्तन करना अनिवार्य है। ताकत आवाज़ में नहीं अपने विचारों में रखो। क्योंकि फसल वारिश से होती है वाढ से नहीं .

           मेरी राहें  ,मजंल ,मेरी बुलाती है ,हर पल तुम्हें ,रहवर  तुम आ जाओ ना होगा कल 
           तू हर पल 2 धडकता है । कहे मेरे दिल की  धडकन मे ,हमारे नैनों का तारा ।
           गुरू सा  ना जग मे कोई गुरू है चाँद से प्यारा ।हमारे नैनों का तारा ।
     
  पहले तो मोहें ज्ञान नही था प्रेम बना ना तेरे में 
दीन जान के माफ़ किजीयो ,ख़ता हुई जिन मेरे मैं 
अनगिनत अवगुण भरें मेरे में माफ़ करो तकसिर मेरी आ गये शरण, तेरी


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