दूध को दुखी करो तो दही बनता है ,दही को सताने से मक्खन बनता है। मक्खन को सताने से घी बनता है ।दूध से महंगा दही है, दही से महंगा मक्खन है,और ...

दूध को दुखी करो तो दही बनता है ,दही को सताने से मक्खन बनता है। मक्खन को सताने से घी बनता है ।दूध से महंगा दही है, दही से महंगा मक्खन है,और मक्खन से महंगा घी है ,किन्तु इन चारों का रंग एक ही है ।इसका अर्थ है बाऱ- बार दुख और संकट आने पर भी जो इंसान अपना रंग नहीं बदलता, समाज में उसका ही मूल्य बढ़ता है। दूध उपयोगी है किंतु एक ही दिन के लिए, फिर वो खराब हो जाता है. दूध में एक बूंद छाछ डालने से वह दही बन जाता है ।जो केवल दो दिन ही टिकता है. दही का मंथन करने पर मक्खन बन जाता है, यह दो- तीन दिन टिकता है।
मक्खन को उबालकर घी बनता है, घी कभी खराब नहीं होता. एक ही दिन में बिगड़ने वाले दूध में कभी नहीं बिगड़ने वाला घी छिपा है.
अपने मन में सकारात्मक विचार डालो और गुरु के नाम शब्द को अपने ह्रदय में बसा लो . अपने आपको मंथन अर्थात चिंतन करो.अपने जीवन को और तपाओ और तब देखना ,सद्गुरु देव के आशीर्वाद और दया से ,आप कभी भी हार नहीं मानने वाले सदाबहार व्यक्ति बन सकते हो , बस मर्यादा में रह कर सत भक्ति केवल मालिक से प्राप्त कर के नाम मन्त्र की कमाई करे। भक्ति कर के इस लोक का ऋण उतार कर सत लोक जाने की तैयारी करें। हम सब पर उस परमात्मा की रहमत बरस रही है।हर पल उनका सानिध्य। महसूस होता है। मुझ दो कोड़ी जीव की कुछ औक़ात नहीं अपनी कृपा बनाये रखना। मालिक अपनी रजा में रखना शब्द रूपी नाम जपने से जन्मों जन्मों के विकार दूर होते हैं। जीने की राह आसान हो जाती है ,
विन उपदेश अचम्भ है , क्यों जीबत है प्राण ।
मुक्ति बिना कहाँ ठोर है,यह नर नारी पाषाण ।
बचपन से ही अपने बड़ों से बहुत कुछ सीखा है। इतने अच्छे संस्कार मिले हैं ,यह सब क़िस्मत से पिछले क्रमों का ही परिणाम है। समय समय पर कुछ ना कुछ नया सिखने की लगन होती हैं। ज्ञान आधार से विचार करना हैं वर्तमान समय परीक्षा का है सभी आत्माओं को लेकर पाँचों यज्ञ का अनुष्ठान किया जाये उस के बाद सत्संग,भंडारा और साध संगति होनी चाहिए। यही विधि का विधान हैं।
सात दीप नौ खंड में,गुरू से बड़ा न कोये।
कर्ता करे न कर सके ,गुरू करे सो होये ।
उम्मीद मत छोड़ना आने वाला कल आप सब के लिये बेहतर होगा बिनाश होने के बाद सतयुग आने वाला है। बहुत कम समय बचा है जितनी भक्ति करेंगे हमारा अपना ही भला होगा ।
दिन होने रात हो ,तेरा ज़िक्र करां में ।
हर हाल बिच मेरे मालिक तेरा शुक्र करा में
No comments
Post a Comment